Lyrics
सर
पे
ना
रुकती
चुनरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू
।
1- माथे
का
टीका
बहुत
ही
भारी,
कानों
का
झुमका
बहुत
ही
भारी।
भारी
हमारी
नथनिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू।
सर
पे
ना
रुकती
चुनरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू
।
2- हीरे
मोती
जड़ी
चुनरियां,
बा
में
लग
रहीं
गोटा
किनरिया।
भारी
है
मोरी
गगरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू।
सर
पे
ना
रुकती
चुनरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू
।
3- धीर
धरु
मन
में,
इकली
रह
गईं
मैं
पनघट
पे।
दूर
बड़ी
है
नगरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू।
सर
पे
ना
रुकती
चुनरिया,
सखी
मैं
कैसे
संभालू
।
Artist:- Hemant Devi and Latika Chauhan
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